Monday, January 18, 2021

भगवत गीता अध्याय- 1






 धृतराष्ट्र बोले हे संजय! कर्मभूमि कुरुक्षेत्र में एकत्रित युद्ध की इच्छा वाले मेरे पांडु के पुत्रों ने क्या किया। संजय बोले उस समय राजा दुयोधन ने यू रचना युक्त पांडवों की सेना को देखकर और 2000 के पास जा कर यह वचन कहा

हे आचार्य बुद्धिमान शिष्य द्रुपद पुत्र दृष्टि झूमने के द्वारा युवा कार खड़ी की हुई पांडव पुत्रों की इस बड़ी भारी सेना को देखिए

इस सेना में बड़े-बड़े धनुसू वाले तथा युद्ध में भीम और अर्जुन के समान शूरवीर साथी और बेटा तथा महारथी राजा द्रुपद दृष्टि केतु और रेगिस्तान तथा बलवान का शिराज पूरी जीत कुंती भोज और मनुष्यों में श्रेष्ठ शब्बीर पराक्रमी योद्धा मंजू तथा बलवान उत्तम मौजा सुभद्रा पुत्र अभिमन्यु और द्रौपदी के पांचों पुत्र यह सभी मारती है

हे ब्राह्मण से अपने पक्ष में भी जो प्रदान है उनको आप समझ लीजिए आपका ही आपकी जानकारी के लिए मेरी सेना के जो सेनापति हैं उनको बतलाता हूं

आप दो-चार और पितामह भीष्म तथा करण और समाज विजय कृपाचार्य तथा वैसे ही अश्वत्थामा विकास और सोमदत्त का पुत्र भूरिश्रवा है।


Investment Ideas-2

 Buy       JustDial      ₹710.      Target- ₹950