Tuesday, August 11, 2020

बाली और हनुमान का युद्ध!




बाली व सुग्रीव जी को ब्रह्मा जी की संताने माना गया है बाली जी को यह वरदान था कि जो भी  लड़ाई में उनके सामने आएगा उसकी आधी ताकत उसके पास आ जाएगी।। इस वरदान के दम पर बाली ने बड़े-बड़े योद्धाओं को धूल चटाई। यहां तक कि रावण को भी अपनी पूंछ में बाध कर 6 महीने तक धरती का चक्कर लगाते रहे। लेकिन अपनी ताकत के नशे में चूर बाली यहां वहां लोगों को युद्ध के लिए ललकारता रहता था। एक दिन ऐसे ही वह वन में चिल्ला रहा था कि ऐसा कौन है जो मुझे हरा सकता है, किसी ने मां का दूध पिया है तो मुझसे मुकाबला करें। हनुमान जी वही जंगल में तपस्या कर रहे थे और अपने आराध्य भगवान राम का जाप कर रहे थे। बाली के ऐसे जोर-जोर से चिल्लाने से उनके तपस्या में खलल पड़ा । उन्होंने बाली से कहा बाली राज आप अति बलशाली हैं और आपको कोई नहीं हरा सकता। लेकिन आप इस तरह चिल्ला क्यों रहे हैं। इस पर बाली भङक गया। उसने हनुमान तथा राम तक को चुनौती दे दी। बाली ने कहा हनुमान तुम तो क्या तुम्हारे राम भी मुझे हरा नहीं सकते। राम  भगवान का मजाक उड़ते देख हनुमान जी को गुस्सा आ गया और उन्होंने बाली की चुनौती स्वीकार कर ली। तय हुआ कि कल सूर्योदय होते ही बाली और हनुमान के बीच दंगल शुरू होगा। अगले दिन हनुमान दंगल के लिए तैयार होकर निकल ही रहे थे, उसी समय ब्रह्मा जी प्रकट हो गए। उन्होंने हनुमान जी को समझाने की कोशिश कि वह बाली की चुनौती स्वीकार ना करें इस पर हनुमान जी ने कहा प्रभु वाली जब तक मुझे ललकार रहा था तब तक तो ठीक था लेकिन उसने भगवान राम तो को चुनौती दी है। इसलिए मैं उसे सबक सिखाऊंगा। ब्रह्मा जी ने हनुमान जी को फिर से समझाने की कोशिश की पर हनुमान जी नहीं माने हनुमान जी ने कहा अगर आब मैं पीछे हट गया तो दुनिया मुझ पर क्या कहेगें।

इस पर ब्रह्मा जी ने कहा ठीक है आप दंगल के लिए जाओ लेकिन आप अपनी शक्ति का दसवां हिस्सा ही लेकर जाना शेष अपने आराध्य के शरण में समर्पित कर दो दंगल से लौट कर आने के बाद इसे वापस ले लेना हनुमान जी मान गए और अपनी कुल शक्ति का दसवां हिस्सा ही साथ लेकर गये। दंगल के मैदान में कदम रखते ही वरदान के मुताबिक हनुमान जी की आधी शक्ति बाली के शरीर में चली गयी। इससे बाली के शरीर में जबरदस्त हलचल मच गई उसे लगा जैसे ताकत का कोई बङा सा समुंदर शरीर में हिलोरे ले रहा है। चंद सेकंड में बाली को लगा जैसे उसके शरीर की सारी नसें फट जाएंगी और रक्त बाहर निकलने लगेगा।

तब ब्रह्मा जी प्रकट हुये और उन्होंने बाली से कहा तुम दुनिया में खुद को सबसे ज्यादा ताकतवर समझते हो लेकिन तुम्हारा शरीर हनुमान की शक्ति का एक छोटा सा हिस्सा भी सहन नहीं कर पा रहा खुद को जिंदा रखना चाहते हो तो हनुमान से कोसों दूर भाग जाओ। बाली ने ऐसा ही किया और बाद में उसे एहसास हुआ कि हनुमानजी मुझसे कहीं ज्यादा ताकतवर है। 

उसने हनुमान जी को दंडवत प्रणाम किया और कहा अथाबल होते हुए भी हनुमान जी सदैव शांत रहते हैं तथा राम भजन गाते रहते हैं और एक मैं हूं जो उनके बाल के बराबर भी नहीं हूँ और उन्हें ललकारने चला था हे प्रभु मुझे क्षमा कर देना।


जय श्री राम हे प्रभु सभी भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखना

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